Tuesday, July 31, 2007
आज भी कबीर याद आते हें
आज कबीर क्यों याद आते हें , अक्सर सोचती हूँ। अपने जीवन में उलझे होने पर भी, बचपन में पढे उनके दोहे अचानक ही कभी मन में तो, कभी जीभ पर उछल आते हें। लेकिन जब भी आते हें , मेरी सारी उलझन को अपने साथ बहा ले जाते हैं . उनका आना और मन का निर्मल हो जाना पता ही नहीं जीवन में कब हो जाता हे । आज भी वे संघर्ष में शक्ति देते हैं । आम आदमी को आज भी समझ नहीं आता कि जब उसने कोई गलती नहीं की तो भी वह क्यों निरंतर अभाव सहन कर रहा है। समाज के बहुत से नियम कानून बदलाव की माँग करते हैं लेकिन समाज के ठेकेदार , तथाकथित नियम कानून बनाने वाले कुछ नहीं कर रहे , ऐसे में yaad आते हैं कबीर और उनके वचन ।
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